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Saturday, June 3, 2023
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बिजली की तार पर बैठे पक्षियों को क्यों नहीं लगता करंट, जबकि चमगादड़ को लगता है?

कभी आप लोगों ने सोचा है कि हम अगर बिजली के खुले तारों को हाथ लगा दे तो हमें एक जोरदार झटका लगता है और हम पूरी तरह से घायल हो जाते हैं।

लेकिन अगर एक चिड़िया या कोई पक्षी बिजली के तारों पर बैठा हो तो उसे करंट नहीं लगता है। आज हम आपको इस महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराएंगे तो आइये जानते हैं ऐसा क्यों होता है।

सर्किट का पूरा करना जरूरी

बिजली के चालक के अंदर बहुत से इलेक्ट्रोन्स होते हैं जो कि एक जगह से दूसरी जगह पर गति करते हैं। जब भी ये इलेक्ट्रोन्स एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो इससे बिजली का प्रवाह होता है। बिजली के तार कॉपर (ताँबे) के बने होते हैं और ये बिजली का सबसे अच्छा चालक होता है।इलेक्ट्रान हमेशा आगे की ओर बढ़ते रहते हैं और इलेक्ट्रानों को फ्लो करने के लिए एक सर्किट का पूरा होना जरूरी है और अगर सर्किट पूरा नहीं होता है तो करंट नहीं लगता है।

पक्षी को करंट न लगना

जब चिड़िया खुले तार पर बैठती है तो उसका संपर्क उस तार के अलावा किसी और वस्तु से नहीं होता है जिस कारण इलेक्ट्रॉन अपना सर्किट पूरा नहीं कर पाते और वह बिना बाधाओं वाले रास्ते से होते हुए आगे बढ़ जाते है और चिड़िया को कोई करंट नहीं लगता है। चिड़िया के बैठने की स्थिति भी इसमें बहुत मायने रखती है। वहीं बिजली का करंट जब तक नहीं लगता जब तक कि सर्किट पूरा ना हो जाए और बिजली को अर्थिंग ना मिल जाए।

अर्थिंग का अहम योगदान

करंट को लगने में अर्थिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।अगर बिजली को आर्थिंग मिल जाता है तो करंट लगेगा और अगर बिजली को अर्थिंग नहीं मिलता तो करंट नहीं लगेगा। इसका सीधा मतलब है कि पक्षी केवल एक ही तार के ऊपर बैठते हैं और वो अपने दोनों पांव एक ही तार पर जमाए रखते हैं। दूसरे तार से संपर्क नहीं होने की वजह से सर्किट पूरा नहीं हो पाता है और इसलिए पक्षियों को करंट नहीं लगता है।

चमगादड़ का बैठना अलग

वहीं अगर चमगादड़ की बात करें तो चमगादड़ों का भी बिजली के तारों पर लटकना आम बात है। बिजली के झटके से गिरकर अक्सर चमगादड़ मर जाते हैं।पक्षियों के साथ वाला सिद्धांत इनके साथ भी लागू होता है पर दिक्कत उनकी बैठने के तरीका पर आ जाती है। दरअसल, चमगादड़ उल्टे लटकते हैं और उनके दो बड़े पंख होते हैं। कई बार गलती से उनके पंख दूसरे तार के संपर्क में आ जाते हैं और ऐसे में सर्किट पूरा हो जाने के कारण उन्हें करंट लग जाता है।

आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो दूसरों के साथ शेयर जरूर करें।

Shubham Jha
Shubham वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय (Patna University) में स्नात्तकोत्तर के छात्र हैं। पढ़ाई के साथ-साथ शुभम अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया में बदलाव लाने की ख्वाहिश रखते हैं। इसके अलावे शुभम कॉलेज के गैर-शैक्षणिक क्रियाकलापों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
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