हर इंसान का सपना होता है कि उसका अपना घर होता है। अपना घर बनाने के लिए इंसान खूब मेहनत करता है।इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं में रोटी,कपड़ा और मकान महत्वपूर्ण है। कई लोग रुपयों के आभाव में अपना मकान बनाने के लिए बैंक से होम लोन लेते हैं पर क्या आपको पता है कि लोगों का घर बनाने के लिए लोन देने वाला बैंक खुद किराये के मकान में संचालित होता है। आइये जानते है इसके बारे में।
जमीन के आधार पर लोन
लोगों को लोन के बदले बैंक को यह भरोसा दिलाना पड़ता है कि भविष्य में आप इस लोन को चुकता करने में सक्षम हैं इसके लिए बैंक आपसे जमीन के कागजात भी मांगती है। पर खुद बैंक एक किराये के मकान में चलती है। जहाँ भी हम देखें यह किसी के निजी घर या मकान में ही संचालित की जाती है।
पुरानी परंपरा अभी तक लागू
दरअसल, बैंक का ऐसा कोई नियम नही है कि वह किसी के निजी मकान में ही संचालित हो। यह एक पुरानी परंपरा है जो अभी तक लागू है। सर्वप्रथम जब बैंक की शुरुआत हुई थी तो यह किसी अन्य के घर या मकान में संचालित होती थी। इसे बाद में भी पहले की तरह ही रखा गया और यह एक परंपरा का रूप ले लिया।
कुछ लोगों की राय
कुछ लोगों का कहना है कि यह पुरानी परंपरा अब खत्म होनी चाहिए। लगभग गांव में सरकारी भवन मौजूद होते हैं इसलिए बैंक को भी इन भवनों में ही शिफ्ट करना चाहिए। ऐसे कई गांव है जहाँ कई सरकारी भवन जैसे के तैसे पड़े हुए है इन सरकारी भवनों को बैंक के रूप में तब्दील करके सुचारू रुप से बैंक चलाना चाहिए।