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Sunday, November 26, 2023
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सर्जरी में विशेषज्ञ डॉ एमआर राजगोपाल को मैडिसन में मिला पद्मश्री, कैंसर मरीजों के लिए समर्पित

किसी भी समाज के लिए डॉक्टर आवश्यक हैं। उन्हें जीवन उद्धारकर्ता माना जाता है हमारे दैनिक जीवन में हम अक्सर उन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं जो हमारी समझ से बाहर हैं।

हमें इन समस्याओं को समझने और इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से मदद की ज़रूरत है।
एमआर राज गोपाल देश के ऐसे पहले डॉक्टर हैं जिन्होंने पहली पैलिएटिव केयर यूनिट खोली थी। एमआर राजगोपाल पिछले कई सालों से कैंसर से पीड़ित मरीजों की जान बचाने एवं उनकी सेवा करने के लिए कार्यरत हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में।

सर्जरी में विशेषज्ञ राजगोपाल

डॉ. एमआर राजगोपाल केरल के कोझीकोड के रहने वाले हैं। उन्होंने कोझीकोड के इंस्टीट्यूट ऑफ पैलिएटिव मैडिसिन, में भारत की सबसे पहली पैलिएटिव केयर यूनिट खोली थी। एम आर राजगोपाल को भारत में ‘पैलिएटिव केयर’ का जनक माना जाता है। ‘पैलिएटिव केयर’ का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों में दर्द कम करने के लिए किया जाता है। राजगोपाल को नवजात बच्चों की सर्जरी में विशेषज्ञता के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने 1980 के दशक में नवजात बच्चों की सर्जरी के बाद होने वाली मौतों की संख्या 75 प्रतिशत से कम करके 28 प्रतिशत पर लाने के लिए काम किया।

कैंसर मरीजों के लिए समर्पित

राजगोपाल ने कैंसर के मरीजों के लिए कई सफल लड़ाइयां लड़ी हैं। उन्होंने गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए दर्द का प्रबंधन करने के तरीके खोजने की कोशिश में अपना जीवन बिताया है। वे कहते हैं कि ऐसे देश में जहां आत्महत्या के पांच मामलों में से एक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण होता है, उनका मानना है कि उचित उपशामक उपचार, इस संख्या को कम करने में काफी मदद करेगा। डॉ एमआर राजगोपाल एक एनेस्थेटिस्ट के रूप में भी प्रशिक्षण ले चुके हैं।

एक घटना से मिली प्रेरणा

डॉ राजगोपाल को कैंसर मरीजों के दर्द को कम करने की प्रेरणा एक घटना के बाद मिली। उनका एक पड़ोसी कैंसर के ऑपरेशन के बाद दर्द से कराह रहा था। उस समय राजगोपाल मेडिकल प्रथम वर्ष के छात्र थे। उनसे अपने पड़ोसी का दर्द देखा नहीं गया। जिसके बाद उन्होंने ठान ली वो दर्द को कम करने के तरीके खोजने के लिए अपना जीवन समर्पित कर देंगे।

वर्षों से चल रही मुहिम पूरा

2008 में राजगोपाल ने एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें भारत में पैलेटिव मेडिसन और देखभाल पर ध्यान खींचा गया था। जिसमें एम आर राजगोपाल की वर्षों से चल रही मुहिम भी पूरी हो गई, जो कैंसर और एचआईवी मरीजों का असहनीय दर्द कम करने से जुड़ी थी। इनमें से बहुत से गंभीर रूप से बीमार लोग हैं और अब इन्हें दर्द से राहत के लिए मॉरफीन बेस्ड दवाएं मिल सकेंगी।

सम्मानित हुए राजगोपाल

डॉ राजगोपाल के द्वारा कैंसर मरीजों के लिए किए गए अच्छे कार्य को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया है। डॉ एमआर राजगोपाल ने जिस तरह से कैंसर पीड़ित मरीजों का दर्द कम करने की कोशिश की है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।

Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।
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