वक्त के साथ लोगों की मानसिकता में भी बदलाव आया है। आज लगभग हर परिवार अपने बेटे के साथ अपनी बेटियों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करता है। इसका नतीजा भी देखा जा सकता है कि अब लड़किया हर फिल्ड में लड़कों के साथ बराबरी में खड़ी हो रही हैं। इसके साथ ही अगर आकड़ों को देखे तो उसमें भी काफी बड़ोतरी हुई है। साल 1990 में जहां महिला साक्षता दर सिर्फ 40 फीसदी थी. आज 60 फीसदी से भी ज्यादा है। इससे ये साबित होता है कि अगर महिलाओं को बराबर मौका दिया जाए तो वो भी उड़ान भर सकती हैं। आज हम ऐसे ही एक कहानी बताएंगे जिसने पंख मिलने पर ऊंची उड़ान भरी और अपनी मंजिल तक पहुंची।

हम बात कर रहे हैं शालिनी अग्निहोत्री की। शालिनी ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और आज वो एक सफल आईपीएस ऑफिसर बन चुकी है। शालिनी की इस सफर में काफी उतार-चढ़ाव भी आएं लेकिन कोई भी परेशानी उसे अपनी मंजिल तक पहुंचने में सफल नहीं हो पाया।
कंडक्टर पिता ने दी उड़ान

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाली शालिनी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके पिता एक बस कंडक्टर है। पिता के पैसों से घर का खर्च चलता था। गरीबी के बावजूद पिता ने कभी शालिनी की पढ़ाई को लेकर लापरवाही नहीं बरती। शालिनी ने अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई धर्मशाला से पूरी की। जिसमें उसने काफी अच्छे अंक लाएं। जिसके बाद उसने पालमपुर के कृषि विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। अपनी ग्रेजुएशन के दौरान ही शालिनी को पता चला कि यूपीएससी परीक्षा पास कर वह आईपीएस अधिकारी बन सकती है। जिसके बाद उसने ठान लिया कि इस परीक्षा में उसे सफलता हासिल करनी है।
यूपीएससी निकालने के बाद दी खुशखबरी

शालिनी ने बताया कि तैयारी के दौरान उसने अपने माता-पिता को इसकी भनक नहीं लगने दी। इस परीक्षा में जब उसे सफलता मिल गई तो उसने माता-पिता को ये खुशखबरी दी।
इस घटना ने बदली सोच

शालिनी जब छोटी थी तो एक दिन अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थी। इस दौरान पीछे सीट पर बैठे एक व्यक्ति ने उसके सीट पर हाथ रख दिया। उसकी मां ने जब इसका विरोध किया तो उस व्यक्ति ने गुस्से में कहा कि तुम कमिश्नर हो जो तुम्हारी बात मानें।
शालिनी बताती हैं कि उस दिन से उनके मन में ये बात बैठ गई। उसे लगता था कि कमिश्नर कोई बड़ा अधिकारी होगा, जिसके पास बहुत पॉवर होता है।
बेटी पर गर्व महसूस करते पिता

अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करने के बावजूद शालिनी के पिता ने उन्हे पढ़ाया। आज शालिनी ने उनके मेहनत का फल उन्हे दे दिया। अपनी बेटी की सफलता पर पिता को नाज है। शालिनी पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली थी। आज शालिनी एक सपल आईपीएस अधिकारी बनकर हिमाचल के लोगों की सेवा कर रही हैं।
ट्रेनिंग के दौरान हुआ प्यार
यूपीएससी की ट्रेनिंग के दौरान शालिनी की मुलाकात आईपीएस संकल्प शर्मा से हुई। दोनों की अच्छी दोस्ती हुई फिर ये दोस्ती प्यार में बदल गई। जिसके बाद में दोनों ने शादी कर ली। बता दें संकल्प शर्मा बदायूं में अपनी सेवा दे रहें हैं, वहीं शालिनी हिमाचल में कार्यरत हैं।