अक्सर लोग बड़ी सफलता प्राप्त करने के बाद की गई मेहनत को भूल जाते हैं लेकिन आज हम एक ऐसे आईएएस ऑफिसर की बात करेंगे, जिसने अपने कार्यों से अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब वह मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग में पढ़ाई का मौका पाने वाले छात्रों के मार्गदर्शन का काम कर रही हैं। वह विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाती हैं। उन्हें उनकी मंज़िल पाने के लिए प्रेरित भी करती हैं। उनका कहना है कि हमें कभी भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए।
अनुज मलिक (Anuj Malik) की कहानी
अनुज मलिक साल 2017 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं और दिल्ली (Delhi) के लाजपत की रहने वाली हैं। उनके इस सफर की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने कड़ी मेहनत से पहली बार में ही भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली।अनुज बताती हैं कि उनकी माँ राजेश देवी (Rajesh Devi) ने उनका मार्गदर्शक किया और उनके जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाई। अनुज साल 2015 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली में एक साल तक घर पर ही तैयारी की।

माँ ने बढ़ाई हिम्मत
अनुज के लिए विषय का चयन करना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। जब उन्होंने मनोविज्ञान का चुनाव किया, तब सहपाठियों ने उनके इस फैसले से एतराज जताया। उनके एतराज से अनुज बताती हैं कि मैं भी असमंजस में पड़ गई, क्योंकि मनोविज्ञान विषय से चयन बेहद ही कम होता है। उस कठिन परिस्थिति में अनुज की माँ ने उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पहली बार परीक्षा देने जा रही हो, फिर किस बात का डर? अगर तुम्हारी रुचि इसमें है, तो विषय मत बदलो। माँ द्वारा यह बात सुनकर अनुज की हिम्मत और बढ़ गई। आज अनुज पर उनकी माँ को बहुत गर्व है।

माँ को है गर्व
अनुज अन्य कैंडिडेट्स से यही कहती हैं कि इसकी तैयार आप अपने भरोसे पर करें। उनका कहना है कि ऐसा करने से आपको सफलता जरूर मिलेगी। अनुज के पति गौरव सिंह सोगरवाल (Gaurav Singh Sogarwal) भी आईएएस हैं। वह इस समय महाराजगंज के सीडीओ पद पर नियुक्त हैं।अनुज की माँ स्वास्थ्य विभाग में न्यूटरीनिस्ट हैं। उनका कहना है कि एक मां को और क्या चाहिए कि उनकी बेटी ना केवल प्रशासनिक सेवा जैसे सर्वोच्च पद पर है बल्कि आम लोगों की मदद में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्हें यह देख अनुज पर बहुत गर्व महसूस होता है।