हमारे देश में बेरोज़गारी इतनी ज़्यादा बढ़ती जा रही है कि हर युवा एक अच्छी नौकरी की तलाश में है। ऐसे में दो बहनों ने अपने फैसले से हर किसी को चौंका दिया है। उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी व विश्व बैंक के प्रोजेक्ट में अफसर के पद की लाखों की नौकरी छोड़कर खेती की शुरूआत की है। उनका यह फैसला पलायन कर रहे युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी सीख है।
दो बहनों ने नौकरी छोड़ शुरू की खेती
नैनीताल की रहने वाली दोनों बहनें कुशिका (Kushika) और कनिका (Kanika) कार्पोरेट सेक्टर में गुरुग्राम और मुंबई में नौकरी करती थीं, परंतु तीन साल पहले दोनों बहनों ने एक साथ नौकरी छोड़ दी और ऑर्गेनिक खेती करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी ज़मीन पर “द ओर्गानिक विलेज रिसॉर्ट” की शुरुआत सबसे पहले मुक्तेश्वर में पांच कमरों से शुरू की, जिसे बनाने मे दो साल का वक्त लगा।

24 लोगों को मिला रोज़गार
कुशिका और कनिका ने इन कमरों का नाम उर्वी, इरा, विहा, अर्क और व्योमन रखा है। इसके साथ ही उन्होंने जैविक खेती की शुरूआत की है। जब उन दोनों बहनों ने प्रोडेक्ट की पैकिंग कर अलग-अलग राज्यों के बाज़ारों में भेजा तो लोगों ने उसे बहुत पसंद किया। उसके बाद धीरे-धीरे उनका कारोबार आगे बढ़ता गया। इस काम के जरिए कुशिका और कनिका ने 24 लोगों रोज़गार दिया है। उनके रिसॉर्ट में सैलानियों को जैविक सब्जियां ही दी जाती हैं।
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कुशिका मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित
धीरे-धीरे सैलानियों की पहली पसंद द ओर्गनिक विलेज रिसॉर्ट बनती जा रही है। कुछ दिन पहले उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने कुशिका को ऑर्गेनिक खेती के लिए सम्मानित किया है। कुशिका के पिता प्रवीण शर्मा (Praveen Sharma) भी एक सफल उद्यमी हैं। प्रवीण कहते हैं कि जब तक पहाड़ में स्व-रोजगार के अवसर नहीं बढ़ेंगे, तब तक पलायन जैसी समस्या नहीं रुकेगी। उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी बेटियों की मेहनत ज़रूर सफल होगी।