हमारे यहां ऐसे बहुत से सज्जन व्यक्ति मौजूद हैं, जो लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। चाहे वह मदद किसी के सर पर साया देने की हो, या फिर जाड़े में ठिठुरते लोगों के बदन पर कम्बल देने की। ऐसे भी युवा हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में अपने कदम आगे बढ़ाकर गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं और कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो लड़कियों की ऑनलाइन क्लास में मदद के लिए स्मार्टफोन की व्यवस्था कर रहे हैं। यह लेख एक ऐसे युवा की है, जो लड़कियों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए मोबाइल एकत्र कर उन्हें शिक्षित करने में लगे हैं।
शुभम की कहानी जानिए
27 वर्षीय शुभम धर्मसुक्ता (Shubham Dharmsktu) उत्तराखंड (Uttarakhand) के हल्द्वानी (Haldwani) के रहने वाले हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के सबसे दूरदराज के इलाकों में रहने वाली लड़कियों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुंचे। उनकी मां उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के पहाड़ी इलाके के गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल हैं और उन्होंने इस बात पर अमल कर इसे प्रकाश में लाया।

उन्होंने यह जानकारी दी कि “जब मैं अपनी मां के साथ बैठा था, वह व्हाट्सएप पर अपने छात्रों से बात कर रही थी। तब मैंने उससे पूछा, लॉकडाउन के दौरान आपका स्कूल कैसा है? तब उन्होंने मुझे बताया कि उनके कुछ ही छात्रों के पास फोन है और अधिकांश छात्र ऑनलाइन कक्षाओं को ज्वाइन नहीं कर पाते।
रूक जाती है लड़कियों की पढ़ाई
उन्होंने कहा, “स्कूल छह-सात महीने से बंद थे। उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही थी क्योंकि शिक्षक उन्हें अध्ययन सामग्री नहीं दे सकते थे। कई छात्रों ने अपनी जान ले ली, क्योंकि उनके पास ऐसा फोन खरीदने के लिए पर्याप्त राशि नहीं थी।” तब शुभम को एक पुराना फोन मिला, जिसे एक छात्र इस्तेमाल कर सकता था। तब उन्हें यह ख़्याल आया कि लड़कियों को पढ़ाई के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाले फोन देना ठीक रहेगा।

उन्होंने बताया कि कैसे माता-पिता लड़कियों की तुलना में अपने लड़कों को शिक्षित करना पसंद करते हैं। अगर एक फोन है, तो वह फोन लड़के को मिलता है, लड़की को नहीं इसलिए मैंने महिला छात्रों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया और स्मार्टफोन उपलब्ध कराने में मदद करने लगा।