इसमें अब कोई शक नहीं की लड़कियां हर वह काम कर सकती हैं जो एक पुरुष करता है। बस जरूरत है तो आत्मविश्वास की। आज हम एक ऐसी महिला की बात करेंगे जिसने समाज के विरुद्ध जाकर अपने मन की सुनी और चाय की दुकान खोली। उनके दुकान पर 20 तरह की चाय और मैगी के साथ साथ फ्री वाईफाई और कई तरह के गेम्स मौजूद हैं।
प्रिया सचदेव (Priya Sachdev)
प्रिया राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर जिला मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर बसे हिरन मगरी कस्बे की निवासी हैं। प्रिया बताती हैं कि पहले जब वह बाहर चाय पीने जाती थी तो साथ में किसी लड़के को लेकर जाना पड़ता था ताकि वह चाय का ऑर्डर दे सके। कारण यह था कि अकेले लड़कों के बीच खड़े होकर चाय पीने में अच्छा नहीं लगता था। प्रिया बताती है कि यह सिर्फ उनके साथ ही नहीं होता था वहाँ खड़े हर लड़कियों को वहाँ चाय पीने में असहज लगता था। इस बात से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी चाय की दुकान खोलने का फैसला किया।

ठेलिया का नाम थ्री एडिक्शन रखा
प्रिया चाहती थी कि एक ऐसी जगह हो जहाँ लड़किया खुद चाय का ऑर्डर दे और बिना असहजता के चाय की चुस्कियां ले सके। इस प्रयास में प्रिया ने एक चाय का ठेला लगाया। जहाँ दिन की शुरूआत “दो काली मिर्च वाली चाय देना, दीदी चार अदरक वाली मैगी देना” की आवाज़ से होती हैं। प्रिया कहती हैं कि ऐसे बेफ़िक्र लड़कियो को चाय पीता देखकर अच्छा लगता है। यहाँ प्रिया खुद चाय तथा मैगी बनाती हैं और खुद ही लड़कियों को परोसती हैं। नाश्ते और चाय इंतजार में कस्टमर बोर न हों, इसलिए उनके लिए फ्री वाईफाई, कैरम, सांप-सीढ़ी और लूडो जैसे गेम भी उपलब्ध हैं। इस ठेलिया का नाम हैं ‘थ्री एडिक्शन’।
सब कामो को छोड़ प्रिया ने लगाई चाय की ठेली
प्रिया बीकॉम तक की पढाई पूरी करने के बाद 22 दिसम्बर 2016 को ‘थ्री एडिक्शन’ की शुरुआत की। उन्होंने तीन बातो को ध्यान में रखते हुए ठेले का नाम थ्री एडिक्शन रखा। इस बारे में प्रिया बताती हैं कि ज्यादातर लोगों की तीन आदतें होती हैं, थकान लगने पर चाय, भूख लगने पर मैगी और इंटरनेट से जुड़ने के लिए वाईफाई। इसलिए उन्होंने अपने ठेले पर ये तीनों सुविधाएं भी उपलब्ध कराई और इसका नाम ‘थ्री एडिक्शन’ रखा। इससे पहले भी प्रिया कई काम कर चुकी हैं। वह जब कक्षा 10 में थी तब से वह अपने पैरों पर खड़ी हैं। उन्होंने पहले सिक्योरिटी गार्ड, सेल्समैन और फिर इवेंट मैनेजमेंट बिजनेस शुरु किया परंतु चाय की शौकीन प्रिया का किसी भी अन्य कामों में मन नहीं लगा और आखिरकार उन्होंने अपनी चाय की ठेली लगा ली।

प्रिया साफ-सफाई को देती हैं बढ़ावा
प्रिया कुल 20 तरह की चाय तथा 20 तरह की मैगी बनाना जानती हैं। वह रोजाना अपनी ठेली पर यह बनाती हैं और लड़कियों को परोसती हैं। प्रिया बताती हैं कि उन्होंने इस बात पर काफी रिसर्च किया था की ऐसा क्या किया जाए जिससे लोग उनके ठेली की तरफ आकर्षित हो सकें। तब उन्हें वाईफाई तथा अन्य गेम का ख्याल आया। उन्होंने इसकी सुविधा अपनी ठेली पर उपलब्ध करवाई। प्रिया साफ-सफाई को बढ़ावा देने वाली लड़कियों को 10 पर्सेंट का डिस्काउंट भी देती हैं।
बहुत मुश्किलो के बाद प्रिया ने शुरू किया चाय की ठेलिया
प्रिया कहती हैं कि लड़के भी इस दुकान पर आकर चाय पी सकते हैं, उनके लिए कोई मनाही नहीं हैं परंतु यहाँ खड़े होकर धूम्रपान करना सख्त मना है। 10 रुपए की कुल्हड़ वाली चाय के साथ इतनी सारी सुविधाएं मिलने की वजह से यहाँ हर वक़्त अच्छी खासी भीड़ लगी रहती है। प्रिया बताती हैं कि उनके लिए चाय का ठेला लगाने का फैसला आसान नहीं था। इसके लिए परिवार को मनाना बहुत ही मुश्किल था। इसके अलावा कई बार प्रिया को मारने की धमकियां भी मिली। नगर निगम ने अतिक्रमण के नाम पर इनकी दुकान भी हटा दी। प्रिया ने पिछले तीन महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद एक बार फिर से अपनी ठेलिया लगानी शुरू की।

प्रिया का नाम स्टार्ट अप शो में टॉप 40 में आया
दुकान के पहले दिन उन्होंने 12 घंटे तक दुकान खुला रखा और उस दिन मात्र 25 लड़कियों ने उनके दुकान पर चाय पी। प्रिया बताती हैं कि वहाँ की कुछ आंटियों ने उन्हें दुकान लगाने से मना किया, आंटियों का कहना था कि तुम्हें देख बाकी लड़कियों पर भी गलत असर पड़ेगा। प्रिया ने उनकी इन नासमझी वाली बातों पर ध्यान नहीं दिया। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और कम समय में ही प्रिया को मीडिया के सहयोग से एक ख़ास पहचान मिल गई। साथ ही प्रिया का नाम देश के पहले स्टार्ट अप शो में टॉप 40 लोगों में आया। प्रिया ने अपनी चाय की ठेलिया की शुरूआत 60 हजार से की थी, जिससे अब वह हर रोज चार-पांच हजार रुपए की आमदनी करती हैं। अंत में प्रिया कहती हैं कि हर लड़की को पूरे आत्मविश्वास से वह काम करना चाहिए जिसे समाज ने पुरुषों तक सीमित कर दिया है।
The Logically प्रिया सचदेव के हिम्मत की तारीफ करता है और उन्हें उनकी कामयाबी के लिए बधाई देता है।
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