अब बहुत से युवा नौकरी के जगह खेती का मार्ग चुन रहे हैं। कुछ तो ऐसे भी हैं, जो अच्छी नौकरी छोड़कर खेती कर रहे हैं। साथ ही अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। आज हम ऐसे ही दो किसानों की बात करेंगे, जिन्होंने अपने घर के छत से खेती की शुरूआत कि और आज लाखों की कमाई कर कर रहे हैं।
जम्मू के अलावा अन्य राज्यों में भी मिलेगा केसर
कोथकला के रहने वाले दो भाईयों नवीन (Navin) और प्रवीण (Pravin) ने अपने घर की छत पर केसर की खेती करके सभी को चौंका दिया है, क्योंकि हमारे देश में केसर की खेती केवल जम्मू-कश्मीर में ही होती है। नवीन और प्रवीण ने ऐयरोफोनिक विधि से केसर उगा कर 6 से 9 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं। इससे पहले ऐयरोफोनिक पद्धति से ईरान, स्पेन और चीन में केसर की फसल तैयार की जाती थी। भारत में केसर की खेती सबसे ज़्यादा जम्मू में की जाती है और वही से पूरे देश तथा विदेशों में केसर सप्लाई होती है। इन युवा किसानों का मानना है कि मेहनत, निष्ठा, लग्न से कोई भी कार्य आसानी से किया जा सकता है।

पहली ही बार में हुआ अच्छा मुनाफा
नवीन और प्रवीण ने केसर की खेती के लिए सभी जानकारी गूगल और यूट्यूब के जरिए प्राप्त की। उन्होंने केसर के बीज 250 रुपए प्रति किलो के हिसाब से जम्मू से खरीदे। उनके घर के कमरे का साइज 15 गुणा 15 का है, जिसके छत पर नवीन और प्रवीण ने लॉकडाउन के दौरान ट्रायल के तौर पर अगस्त में केसर की खेती की शुरुआत की और नवंबर 2020 तक इसे पूरा किया। पहली बार में उन्होंने 100 किलो से ज़्यादा केसर के बीज की खेती की, जिसमें एक से डेढ़ किलो तक केसर की पैदावार हुई। पहले ही बार में उन्हें 6 से 9 लाख रुपये का मुनाफा हुआ। आमतौर पर बाज़ारों में केसर ढ़ाई से तीन लाख रुपये किलो मिलता है।

हो सकता है प्रधामंत्री का सपना पूरा
नवीन और प्रवीण कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का है। वह सपना हरियाणा के किसान इस प्रोजेक्ट द्वारा पूरा कर सकते हैं। वह बताते हैं कि नया प्रोजेक्ट 7 से 10 लाख रुपये की लागत में शुरू किया जा सकता है। इसके लिए कई तरह की मशीनें खरीदनी पड़ती हैं। यह प्रोजेक्ट किसान अपने घर मेंं भी लगा सकते हैं और इसके जरिए एक साल में 10 से 20 लाख रुपये की आमदनी भी कर सकते हैं। नवीन और प्रवीण का कहना है कि एक बार रेड गोल्ड फसल लगाकर 5 साल तक लगातार केसर की फसल उगा सकते हैं। इसकी खेती आप अकेले भी आसानी से कर सकते हैं।
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नवीन और प्रवीण देते हैं केसर की खेती की जानकारी
नवीन और प्रवीण केसर की खेती की जानकारी देते हुए कहते हैं कि केसर की खेती ओपन में की जाती है। इसके लिए दिन का तापमान 20 डिग्री और रात का 10 डिग्री होना चाहिए, तथा 90 परसेंट ह्यूमस होनी चाहिए। इसके अलावा सूर्य का प्रकाश तिरछे रूप से आना चाहिए। अगर सूर्य का प्रकाश उपलब्ध ना हो तो कृतिम रोशनी का भी इंतजाम किया जा सकता है। इसके लिए थर्माकोल का प्रयोग करें। साथ ही फसल उगाने के लिए लैब बैक्टीरिया फ्री होना चाहिए। केसर के फूल से साबुन, फेस मास्क, तेल जैसे बहुत से सामान बनते हैं।

केसर के फायदे
दोनों युवा किसान भाइयों ने कीड़ जड़ी का पौधा खुद ही लैब में तैयार किया था, जो काफी लाभदायक साबित हुआ। वह बताते हैं कि इसकी मार्किट में काफी डिमांड होती है। केसर हाइपर टेंशन, खांसी, मिर्गी के दौरे, कैंसर, यौन क्षमता को बढ़ाना, गर्भवती महिलाओं के लिए, बुजुर्गों की आंखों की रोशनी के लिए, ह्रदय रोग तथा अन्य कई बीमारियों के लिए कारगर है। यह दोनों भाई हरियाणा सरकार से मांग करते हैं कि केसर की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाए। इससे किसान आर्थिक रूप से मज़बूत होंगे। नवीन और प्रवीण कहते हैं कि अगर किसी किसान को केसर की कोई जानकारी प्राप्त करनी हो तो वह उनसे संपर्क कर सकते हैं।
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