हमारे परिवेश में अक्सर बुजुर्ग व्यक्ति ऐसा कार्य करते हैं, जिन्हें देखकर लगता ही नहीं कि वह उम्र के आधे पड़ाव को क्रॉस कर चुके हैं। जिस उम्र में हमारे परिवेश की औरते घर पर आराम फरमाती हैं, उस उम्र में भी एक महिला अध्यक्ष अपने कर्तव्यों का पालन कर रहीं हैं।
88 वर्ष की आयु में भी हैं कर्तव्यनिष्ठ
88 वर्षीय दक्षणायनम्मा प्रतिदिन प्रातःकाल 5 बजे उठकर अपने गांव में गश्त करती हैं और लोगों की परेशानियां सुनती हैं। गांव का चिक्का यमनिगुरु है। वह वहां ग्राम पंचायत के अध्यक्ष के तौर पर इस उम्र के आधे पड़ाव को पार करने के बावजूद भी अपना कार्यभार संभाल रहीं हैं।

क्या है उनका उद्देश्य?
उन्हें सभी अज्जी कहकर बुलाते हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि अज्जी के मन में अपने गांव के प्रगति को लेकर तत्परता है। उनका मुख्य उद्देश्य 7,500 आबादी वाले गांव जैसे कोडागावल्ली, कुठालू, होसहल्ली, कोडागावल्ली हट्टी, चिक्कन्ट, चिक्का और यमनिगुरु में जल उपलब्ध कराना है।

नहीं हुई हूं अभी वृद्ध
वह चाहती हैं कि उन सभी गांवों में स्वच्छता, बिजली और शिक्षा की सुविधा हो। साथ ही शौचालय का निर्माण भी हो। वह कहती हैं कि “मैं वृद्ध नहीं हूं, जीवन को मैंने बहुत अच्छी तरह देखा है एवं आगे मेरी ख़्वाहिशें हैं कि गांव को प्रगति की तरफ अग्रसर करती रहूं।”

7वीं तक पढ़ाई
उन्होंने 1940 में ही अपनी शिक्षा 7वीं कक्षा तक ग्रहण की है। उसके बाद वह वैवाहिक-बन्धन में बंध गई। उनके 3 सुपुत्र और 3 सुपुत्रियां भी हैं, जिनमें से एक सुपुत्र कर्नाटक के ग्रामीण बैंक में जॉब करते हैं।