हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार 84 कोटि यौनियो के बाद मनुष्य जीवन बड़ी कठिनाई से मिलता हैं। मगर इस बात में कोई संदेह नहीं हैं कि समस्त जीवों में मानव श्रेष्ठ हैं।
उसकी श्रेष्ठता का कारण मस्तिष्क हैं जो अन्य जीवधारियों के पास उतना विकसित नहीं होता हैं। एक इंसान के अंदर हमेशा सेवा की भावना होनी चाहिए तभी वह एक सच्चा मनुष्य कहलाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही इंसान के बारे में बताएंगे जिनके अंदर सेवा की भावना का भंडार है। आइये जानते है उनके बारे में।
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जलंधर पटेल का परिचय

आज के आधुनिक युग में जहाँ बच्चे अपने माँ-बाप को अकेला छोड़ देते हैं वहीं ओडिशा के एक छोटे से गांव समलेईपदर के रहने वाले जलंधर पटेल जो अपने परिवार के साथ-साथ 25 बुजुर्गों का एक अलग परिवार बना रखे हैं और उनकी सेवा को ही अपना धर्म मानते हैं। जलंधर के इस सेवा की भावना की तारीफ अब हर जगह हो रही है।
बेसहाराओं का सहारा बने जलंधर

जलंधर के छोटे से वृद्धाश्रम में ऐसे बुजुर्ग रहते है जिनका सुध लेने वाला कोई नहीं है। वहीं जलंधर इन बुजुर्गों की सेवा में ही अपना जीवन यापन कर रहे है। वह इन बुजुर्गों की सेवा में दृढ़ संकल्पित है और उनके साथ हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वह इन बुजुर्गों को अपने परिवार से भी बढ़ के मानते है।
आय का साधन खेती
जलंधर के पास 4 एकड़ जमीन है जिसमें वह खेती करते है। उनका आय का साधन खेती ही है। अपने खेतों में वह गेंदा के फूल और चावल का खेती करते है। वह अपने फसल से जितना कमा पाते है उसी से उनका और उनके परिवार के लोगों का पालन होता है। इन्हीं पैसों से वो वृद्धाश्रम के बुजुर्गों का भी देखभाल करते है।
स्वतंत्रता सेनानी से थे प्रभावित
जलंधर ओड़िसा की स्वतंत्रता सेनानी पार्वती गिरी के समाज सेवा से बेहद प्रभावित थे। वह पार्वती गिरी के हर जन्मदिन पर गरीब और बेसहारों को राशन और जरूरी सामान देते थे। ऐसे में एक दिन उनके मन में यह ख्याल आया कि सिर्फ 1 दिन करने के बाद ये बेसहारा बुजुर्गो का जीवन पूरे साल सड़कों पर ही व्यतीत होगा, ऐसे में क्यों न इनके रहने की व्यव्स्था की जाएं और उन्होंने इसी क्रम में उन्होंने वृद्धाश्रम की शुरुआत की।
बुजुर्गों का रखते हैं पूरा ख्याल

जलंधर अपने वृद्धाश्रम में बुजुर्गों का पूरा ख्याल रखते हैं। उनके वृद्धाश्रम का नाम पार्वती गिरी है।
इसकी शुरुआत उन्होंने 2017 में की थी। वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के लिए खाने-पीने के साथ-साथ उनके दवाइयों का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। इस वृद्धाश्रम में 13 महिलाएं और 12 पुरुष रहते हैं। जलंधर के परिवार के लोग भी उनके इस सेवा में उनका सहयोग करते हैं। वर्तमान में वृद्धाश्रम का खर्च प्रति महीने 40 हजार आता है। पर जलंधर इन चीजों से कभी विचलित नही होते हैं।
जलंधर के नेक कार्य की सराहना अब चारों तरफ हो रही है। वह अब लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके है।