‘नवनीत सिकेरा’ जिन्होंने करीब 60 से ज़्यादा एनकाउंटर, 500 से ज़्यादा मनचलों को सलाखों के पीछे भेजा। इनकी कहानी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश में बदमाशों के दिल में दहशत भर चुका है। परदेस में गुंडों और बदमाशों की शामत आ चुकी है।
नवनीत, एक निर्धन ग्रामीण मध्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। आज हम इनके आईपीएस बनने की कहानी जानने वाले हैं। इनकी कहानी काफी दिलचस्प है। नवनीत इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। आईपीएस बनने की उनकी कहानी बेहद मार्मिक है।
नवनीत की कहानी
नवनीत के पिता एक किसान थे। नवनीत 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह बताते हैं कि उस वक्त वह पुलिस स्टेशन में ही थे, जब उनके पिता के साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार किया गया था। उनके पिता किसी की शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन में पहुंचे थे। जहां उनके पिता को बेइज्ज़त करके भगा दिया गया था और उनकी बात भी नहीं सुनी गई थी। एक व्यक्ति के जीवन में उसके साथ घटित किसी घटना की इतनी अहम भूमिका भी हो सकती है कि वह उसका पूरा जीवन ही बदल कर रख दे।

नवनीत बताते हैं कि उसी वक्त उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें आईपीएस ऑफिसर ही बनना है।नवनीत नहीं चाहते थे कि किसी और के साथ भी ऐसा हो। उन्होंने उसी साल सिविल सर्विस की परीक्षा में बैठे और उनका चयन भी हो गया। नवनीत मेरठ के एसपी बने और उन लोगों को न्याय दिलाया जिनसे चीजें छीन ली जाती थी।
महिलाएं हुईं सुरक्षित
नवनीत सिकेरा की वजह से ही विमेन पावर लाइन कि शुरुआत हुई, तब से महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। पहले महिलाएं डरी और सहमी रहती थीं पर अब सशक्त महसूस करती हैं। सड़कों पर निडरता से चल रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 190 के तहत अब तक 573 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। नवनीत एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर हैं, जिनका नाम सुनते ही बड़े-बड़े गैंगस्टर के पसीने छूट जाते हैं। नवनीत अब तक 60 से ज़्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं।
यह भी पढ़े :- भागलपुर के ‘गॉडफादर’ डॉ. दिलीप कुमार सिंह को 92 वर्ष की उम्र में मिला पद्मश्री पुरस्कार
स्कूल की यादें
नवनीत अपनी स्कूल की बातें बताते हुए कहते हैं कि वह बैकबेंचर हुआ करते थे। उन्हें आगे बढ़ने की चाहत नहीं रहती थी। नवनीत कहते हैं कि हम आगे तब तक नहीं बढ़ सकते हैं, जब तक हम खुद आगे ना बढ़ना चाहे।
एटा के हाई स्कूल से परीक्षा पास की और उसके बाद वह इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुट गए। उन्हें उसमें भी सफलता हासिल हुई।

घटना ने बदल दिया
नवनीत को पिता के साथ हुई घटित घटना ने बदलकर रख दिया। इंजीनियर बनने का ख्वाब देखने वाले नवीन आईपीएस बन गए। नवनीत का कहना है कि अगर मान लो हार और ठान लो तो जीत। आईपीएस बनने का जुनून इस कदर चढ़ चुका था कि उन्होंने पहले अटेम्प्ट में ही परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।
सोशल मीडिया पर एक्टिव
नवनीत सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। हाल ही में नवनीत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने आप को यमराज बताया है। इस वीडियो में उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को सलाह दी कि जीवन को कभी भी डर के नहीं जीना चाहिए। हमारे समाज को नवनीत जैसे ही पुलिस ऑफिसर और आईपीएस ऑफिसर की जरूरत है।
One thought on “पिता के साथ थाने में हुई बदतमीजी इतनी चुभी की बन गए आईपीएस”