धरती पर जीवन जीने के लिये भगवान से हमें बहुमूल्य और कीमती उपहार के रुप में प्रकृति मिली है। दैनिक जीवन के लिये उपलब्ध सभी संसाधनों के द्वारा प्रकृति हमारे जीवन को आसान बना देती है।
अगर हम सुबह के समय शांति से बगीचे में बैठे तो हम प्रकृति की मीठी आवाज और खूबसूरती का आनन्द ले सकते है। इसी सोच के साथ आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे बताएंगे जिन्होंने प्रकृति के बारे सोचकर अपने पिता का सपना पूरा किया है। आइये जानते हैं उनके बारे में।
बेटे ने पिता का सपना पूरा किया

दरअसल,गुजरात के रजनीकांत कंसारा हमेशा से अपने घर पर एक बगीचा बनाना चाहते थे। पर उनका सपना उनके जीते पूरा न हो सका। पर अब उनके गुजर जाने के बाद उनके बेटे ने ‘रजनी उपवन’ बनाकर उनका सपना पूरा किया है। उन्होंने अपने पिता की याद में अपने घर पर बहुत ही सुंदर बगीचा बनाया है। उन्होंने इस बगीचे को अपने स्वर्गीय पिता को समर्पित किया है।
घर के पीछे बनाया बगीचा

रजनीकांत कंसारा खुद एक सरकारी अधिकारी थे। उनका सपना था कि उनका एक सुंदर बगीचा हो पर अब उनके गुजर जाने के बाद उनके बेटे सेजल कंसारा ने अपने घर के पीछे खाली जगह को उपयोग में लाकर बगीचा का निर्माण किया है।उन्होंने इस बगीचे का नाम ‘रजनी उपवन’ रखा है। इस बगीचे में कई तरह के पेड़-पौधे हैं जो इस बगीचे को और आकर्षक बनाते हैं।
लॉकडाउन में शुरू किया काम

सेजल कंसारा ने लॉकडाउन में बगीचे के निर्माण का काम शुरू किया। उन्होंने अपने घर के पीछे खाली पड़े जगह को उपयोग में लाया। उस जगह को एक सुंदर बगीचे का रूप दिया। यह सारा काम उन्होंने अपने घर के अन्य सदस्यों को बिना बताए किया था। वह अपनी माँ को अपने पिता की याद में यह बगीचा उपहार स्वरूप देना चाहते थे। उन्होंने अपने पिता के जन्मदिन के दिन इस बगीचे का पूर्णतः निर्माण करके घर के सभी लोगों को चौका दिया। इस बगीचे की अब हर तरफ तारीफ हो रही है।
बगीचे में चिड़ियों के लिए भी इंतजाम
इस बगीचे में पक्षियों के आगमन के लिए भी खास इंतजाम किया गया है। बगीचा में कई ऐसे फल के वृक्ष भी हैं जिससे पक्षी आकर्षित हो सके। फल के वृक्ष होने से इन बगीचे में पक्षियों का आना लगा रहता है। उनके लिए सेजल ने कई घोंसले भी बनाए हैं।अभी उनके बागीचे में तुलसी, एलोवेरा, अपराजिता, अजवाइन जैसी हर्ब्स के साथ-साथ, 3-4 प्रकार के गुड़हल, नीम, अशोक, आम, नींबू सहित कई पौधे लगे हैं।
बगीचा में अद्भुत एहसास

पिता की याद में बनाए गए इस बगीचे में सेजल कंसारा और उनका परिवार पिकनिक भी मनाते हैं और साथ मिलकर खाने का लुफ्त भी उठाते हैं। अब उन लोगों को कही बाहर जाने की आवश्यकता नही पड़ती। घर पर ही सुंदर बगीचे का एहसास उन्हें हो जाता है। पिता की याद में सेजल कंसारा द्वारा किए गए इस कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।