निष्ठापुर्वक अपने कर्तव्य का पालन करने वाले और अच्छे लोगों का जनता अक्सर सम्मान करती है। इस बात को अभी तक हमने सिर्फ दूसरे के द्वारा सुना था। विशेषत: यदि किसी सरकारी शिक्षक की बात की जाये तब ऐसा बिरले ही सुनने या देखने को मिलता है कि जनता द्वारा उन्हें खूब सम्मान मिला हो, लेकिन इस सुनी सुनाई बात को आज सच होते भी देख लिया गया है। एक शिक्षक का सम्मान देखकर आप भी कह उठेंगे कि गुरू हो तो ऐसा।
आजकल सोशल मीडिया पर एक शिक्षक के फेयरवेल की फोटो काफी वायरल हो रही है, जिसमें देखा जा रहा है कि उस शिक्षक का ट्रांसफर होने पर गांव वालों ने अपने कंधे पर बैठाकर विदा किया। आइये जानते हैं इस वायरल न्यूज की सच्चाई।
खबर आंध्रप्रदेश की है
यह खबर आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के विजयनगरम (Vijayanagarm) ज़िले के एक गांव की हैं, जहां सरकारी विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक नरेंद्र गोवडु का दूसरे विद्यालय में ट्रांसफर हुआ तब गांव वालों ने उनके सम्मान में उन्हें अपने कंधे पर बैठाकर विदाई दी।

पढ़ाने के साथ की गांव वालों की सहायता
नरेंद्र गोवडु (Narendra Gowadu) आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िला के गुम्मा लक्ष्मीपुरम गांव के मलगुगुड़ा सरकारी स्कूल में बीते 10 वर्षों से पढ़ाने का कार्य कर रहे थे। वह प्रतिदिन 20 किलोमीटर का सफर तय करके गांव में पढ़ाने आते थे। नरेंद्र बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें जनरल नॉलेज समेत कई अन्य विषयों के बारे में भी जानकारी देते थे। इसके अलावा वह गांव में परेशानियों से जुझ रहे लोगों की सहायता भी करते थे।
गांव वालों ने फेयरवेल पर खर्च किये 30 हज़ार रूपये
ग्रामीणों के सुख-दुख में साथ देने वाले नरेंद्र को गांव के लोग अपने परिवार के सदस्य की तरह मानते थे। 42 परिवार वाले इस गांव के निवासियों ने अपने सबसे प्रिय शिक्षक के ट्रांसफर होने पर बेहतरीन विदाई दी। 31 जनवरी को, मलगुगुड़ा के लोगों ने स्कूल में अंतिम दिन नरेंद्र को विदाई देने का निर्णय लिया। उनके विदाई में लोगों ने नरेंद्र के पैरों को हल्दी के पानी से धोया फिर ढोल-नगाड़ो पर जमकर नृत्य किया। शिक्षक के फेयरवेल पर ग्रामीणों ने लगभग 30 हज़ार रूपये खर्च किये।

ग्रामीणों ने किया भोज का आयोजन
न्यूज मिनट के अनुसार नरेंद्र ने बताया, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह इतना भव्य होगा। मैं बेहद प्रसन्न हूं, उन्होंने मेरे साथ परिवार जैसा व्यवहार किया। पूरे गांव ने ऐसा अनुभव किया, जैसे यह गांव का त्योहार हो। उन्होंने नृत्य करने के साथ भोजन भी बनाया और पूरे गांव में सर्व की। उनसे इससे बेहतर गिफ्ट नहीं मिल सकता है। जब मैं वर्ष 2011 में यहां आया था तब गांव के पास कुछ भी नहीं था, जबकि पिछ्ले 10 वर्षों में हमने उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है।
Interesting video clip
— Dr. M V Rao, IAS (@mvraoforindia) February 2, 2021
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Tribal Village residents giving
warm send off to their teacher
who is going out on transfer!
Vijayanagaram district
Village Gumma Lakshmipuram pic.twitter.com/GFxLdUuRx5
नरेंद्र ने बताया कि जब वर्ष 2016 में उनकी पोस्टिंग इस गांव में मिली तब उन्होंने एक और शिक्षक को पढ़ाने में सहायता करने के लिये भेजा। हम 5वीं कक्षा तक पढ़ाने में कामयाब रहे। नरेंद्र इस विद्यालय के हेड मास्टर थे तथा उनके साथ 2 अन्य शिक्षक भी पढ़ाने में सहायता करते हैं। मलगुगुड़ा स्कूल में कूल 32 बच्चे पढ़ने आते हैं। आपको बता दें कि शिक्षक की इस भव्य विदाई का वीडियो IAS एमवी राव ने शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है, “दिलचस्प वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की गई है। आदिवासी गांव वालों ने शिक्षक को बहुत ही शानदार विदाई दी है।”
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