22.1 C
New Delhi
Thursday, June 1, 2023
HomeMotivation102 साल के नंदा प्रस्थी मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं, पद्मश्री...

102 साल के नंदा प्रस्थी मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं, पद्मश्री पुरस्कार से हुए सम्मानित

यह अक्सर कहा जाता है कि सीखने और सिखाने की कोई अवस्था नहीं होती, जो कि सत्य मान्यता है।

आज हम आपको नंदा प्रस्थी जी के बारे में बताएंगे जो 104 साल की उम्र में भी बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं। वह पिछले 75 सालों से वो बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं। पर यह सब करना उनके लिए इतना आसान नही था। आइये जानते हैं उनके बारे में।

उच्च शिक्षा से रहे दूर

ओडिशा के बारांटा गांव के रहने वाले श्री नंदा प्रस्थी बच्चों को शिक्षित करने का कार्य करते हैं। उन्होंने खुद 7वीं तक की ही पढ़ाई की थी क्योंकि उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर पिता का हाथ बंटाने को कहा गया। वो कटक में अपने मामा के घर आकर अच्छी नौकरी करना चाहते थे लेकिन घर की स्थिति को देखते हुए उन्होंने खेतों में अपने पिता के साथ काम करना ज़रूरी समझा।

गांव के बच्चे लगे पढ़ने

पढ़ाई बंद होने के बाद भी श्री नंदा प्रस्थी जी ने पढ़ने और काम करने की इच्छा को कभी खत्म नहीं होने दिया। उन्होंने देखा कि उनके गांव में बच्चें ऐसे ही घूमते रहते हैं। वे सभी अनपढ़ थे।इसलिए उन्होंने एक पेड़ के नीचे पढ़ाना शुरू कर दिया। जब नंदा प्रस्थी बच्चों को शिक्षा देते थे उस समय कोई स्कूल नहीं था। शुरुआत में बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हें बच्चों के पीछे भागना पड़ा, क्योंकि वो शिक्षा नहीं लेना चाहते थे। लेकिन नदां प्रस्थी की कोशिशों के बाद बच्चे खुद उनके पास शिक्षा प्राप्त करने के लिए आने लगे।

कई सालों से शिक्षा के लिए काम

नंदा प्रस्थी कक्षा 4 तक की कक्षाएं लेते हैं। वो बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों को भी शिक्षा देते हैं। 104 साल की उम्र में भी नंदा प्रस्थी बच्चों को ओडिया अक्षर और गणित सिखाते हैं। जिस उम्र में अक्सर शरीर साथ छोड़ देता है उस उम्र में भी श्री नंदा प्रस्थी जी-जान से बच्चों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं। बच्चे सुबह 7 से 9 बजे तक और फिर शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक उपस्थित रहते हैं। उन्हें पुराने पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ाना काफी पसंद है।

सरकार ने किया सम्मानित

श्री नंदा प्रस्थी के शिक्षण के प्रति जुनून को देखते हुए उन्हें साल 2021 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। 104 साल की उम्र में, यह कोई आसान उपलब्धि नहीं है। नंदा प्रस्थी कहते हैं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे पद्मश्री पुरस्कार दिया जाएगा। मैं इससे बहुत खुश हूं। आज उनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सीखने और सिखाने की कोई उम्र नही होती और न ही इसकी कोई सीमा होती है।

Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular