जिस रफ़्तार से प्रदूषण पूरी दुनिया में बढ़ रहा है, वह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। सरकार इससे बचने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बना रही है, जिससे प्रदूषण कम फैले। साल 2019 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वायु प्रदूषण की वजह से करीब 17 लाख लोगों की मौत हुई है। अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यह संख्या करोड़ों तक भी पहुंच जाएगी।

पूजा बदामीकर (Pooja Badmikar) को जानिए
दुनियाभर के लोग प्रदूषण से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। यही लड़ाई महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली पूजा बदामीकर भी लड़ रही हैं। पूजा लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के साथ-साथ खराब टायरों से जूते-चप्पल बना कर प्रदूषण के खिलाफ जंग शुरू कर चुकी हैं। रिपोर्ट के अनुसार सालभर में लगभग 1 बिलियन से ज़्यादा टायर फेंके जाते हैं, जिनका कोई प्रयोग नहीं होता। वह कबाड़ बनकर वातावरण को प्रदूषित करते हैं। प्रदूषण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए पूजा ने खराब टायरों से जूते-चप्पलों को बनाने का काम शुरू किया।
Maharashtra: Pooja Badamikar, a Pune based entrepreneur upcycles scrap tyres to make footwear.
— ANI (@ANI) December 22, 2020
She says, “One billion scrap tyres are discarded annually in the world. I started working with help of local cobblers & made two prototypes. That’s how the journey began.” (22.12.2020) pic.twitter.com/ffWn6vSZPS
Maharashtra: Pooja Badamikar, a Pune based entrepreneur upcycles scrap tyres to make footwear.
— ANI (@ANI) December 22, 2020
She says, “One billion scrap tyres are discarded annually in the world. I started working with help of local cobblers & made two prototypes. That’s how the journey began.” (22.12.2020) pic.twitter.com/ffWn6vSZPS
प्रदूषण के खिलाफ शुरू हुई पहल
पूजा बताती हैं कि टायर की वजह से प्रदूषण बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। दुनियाभर में हर साल करीब 1 बिलियन टायर कबाड़ में फेंक दिए जाते हैं। इसी समस्या से राहत पाने के लिए पूजा ने मोचियों की मदद से इनके उपयोग जूते बनाने में कर रही हैं। इसके एक नहीं बल्कि दो लाभ हैं। पहला- इससे लोगों को जूता मिल जाता है और दूसरा- इससे प्रदूषण भी कम हो रहा है। यह प्रदूषण से राहत पाने के लिए छोटी ही सही लेकिन एक अच्छी पहल है।