प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए सम्मान निधि योजना की घोषणा की है, जिसका लाभ अनेक किसान उठा रहें हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस योजना से किसानों को अधिक राशि मिलने वाली है। हालांकि यह बात सामने आई है कि बजट 2021 में बहुत बड़ी राशि का बदलाव हुआ है।
1 फरवरी को होगा बजट 2021 पेश
इस बात से हम सभी भली-भांति परिचित हैं कि किस तरह नए कृषि कानून को लेकर किसानों का प्रदर्शन अपने चरण सीमा पर है, और इसी दौरान बजट 2021 सत्र की शुरुआत होने जा रही है। इस बजट को लेकर यह जानकारी मिली है कि इस बजट में किसानों के लिए बड़ी घोषणा होने वाली है। बजट 2021-22 को 1 फरवरी, दिन सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaram) प्रस्तुत करेंगी।

कृषि लोन बढ़ने का अनुमान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से किसानों को खेती के लिए कृषि लोन (Agriculture Loan) मिलता है, जिसमें मिल रही राशि को बढ़ाने की तैयारी हो रही है। ऐसा नहीं है कि बजट बढ़ाने का कार्य पहली बार हुआ है, बल्कि हर बजट में कृषि लोन के लक्ष्य को बढ़ाया जाता है। परन्तु इस बार किसानों के प्रदर्शन से जो माहौल बना है, उसे मद्देनज़र रखते हुए मोदी सरकार की तरफ से बड़ी बढ़ोतरी होने वाली है। उम्मीद है कि 2021-22 के लिए कृषि लोन को लगभग 19 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा। आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए इसमें लगभग 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने वाली है।
पूर्व बजट में कितनी राशि का लक्ष्य था?
वित्त मंत्री ने पूर्व बजट 2020-21 की घोषणा में यह बताया था कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी (Non-Banking Finance Company) एवं सहकारी (Co-Operative) एग्रीकल्चर लोन के विभाग में सक्रियता द्वारा कार्य कर रही है, जिस कारण नाबार्ड रिफाइनेंस योजना को विस्तृत किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए एग्रीकल्चर लोन का टारगेट 15 लाख करोड़ रुपये निश्चित हुआ था।

आइये जानतें हैं एग्रीकल्चर लोन का क्या है ब्याज दर?
वैसे तो अगर किसान एग्रीकल्चर लोन लेना चाहें तो उन्हें 9 प्रतिशत ब्याज लगता है, लेकिन सरकार की तरफ से किसानों को कम अवधि के लिए उचित दर पर लोन मिलता है। अगर आप सरकार से 3 लाख रुपये की राशि एग्रीकल्चर लोन पर लेंगे तो इसके लिए आपको 2 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। जिस कारण किसानों को लोन 7 प्रतिशत वार्षिक दर पर मिलता है। अगर किसान निर्धारित समय पर लोन चुका देतें हैं, तो उन्हें 3 प्रतिशत मुनाफा होता है। पूरी तरह कैल्कुलेशन करने बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि किसानों को लोन मात्र 4 प्रतिशत वार्षिक दर पर प्राप्त होता है।