अक्सर पीड़ित और जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद हमारे देश के सिख समुदाय करते आ रहे हैं। चाहे वह लंगर के द्वारा भुखों को भोजन कराना हो या अन्य जरूरतमंदों के लिए वस्त्र का इंतज़ाम कराना। खालसा एड सिखों की एक ऐसा संस्था है, जो अक्सर लोगों की मदद करती है।
सिखों की संस्था है खालसा एड
कनाडा के 2 सांसदों द्वारा ब्रिटेन की सिखों की संस्था खालसा एड (Khalsa Aid) का नॉमिनेशन नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए हुआ है। सांसद टीम परबमीत सिंह और उप्पल ने यह बताया कि खालसा एड उन सभी व्यक्तियों की मदद करता है, जो मुश्किल में हो। अक्सर यह आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जरूरतमंदों की सहायता करते हैं। उन्होंने वर्तमान में हो रहे किसान प्रदर्शन में भी किसानों की मदद की है। उन्होंने कोरोना काल और केरल में हुए आपदा में लोगों की मदद की है।

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हुआ चयन
जानकारी के अनुसार खालसा एड की आधारशिला साल 1999 में रखी गई, जो रविंदर सिंह ने कोसोवो के शरणार्थियों की हालत को देखते हुए किया था। खालसा एड ने बताया कि हम हमेशा आपदा के दौरान लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। लोगों की भलाई करने के लिए खालसा एड का चयन साल 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हुआ है।

लोगों ने यह बात जानकर जताई हैरानी
वैसे तो संस्था का नामांकन नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हुआ है, लेकिन इसे लेकर बहुत सारे विवाद चल रहे हैं। जानकारी के अनुसार उन्होंने ही दिल्ली में टिकरी बॉर्डर पर किसान मॉल की नींव रखी, जिस कारण किसानों का प्रदर्शन जारी रहा लेकिन खालसा एड पर यह भी आरोप है कि उनका सम्बन्ध खालिस्तान से है। फिलहाल एनआईए द्वारा जांच पड़ताल शुरू है। बहुत से लोगों ने हैरानी जताई है कि आखिर खालसा एड को नोबेल पुरस्कार क्यों मिल रहा है जबकि उसका सम्बन्ध खालिस्तान से है।
अब हम सबको इस बात का इंतज़ार है कि आख़िरकार खालसा एड को यह सम्मान मिलेगा या नहीं।