पिता हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते हैं जिसके पिता नही होते हैं उस इंसान की जड़े कमजोड़ हो जाती हैं।
पिता बिना किसी लोभ के अपने बच्चों के लिए पूरी जिंदगी मेहनत करते है ताकि उनका बच्चा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने और उनका नाम गर्व से ऊँचा हो। पिता के न होने की कमी उनके बच्चो पर साफ दिखती है। आज हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है जिनके सर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया पर अपने मेहनत,लगन के दम पर उन्होंने 22 साल की उम्र में पहले प्रयास में UPSC निकाल IAS बन गए।
हिमांशु नागपाल का परिचय
हरियाणा के हिसार जिले के भुना गांव के हिमांशु नागपाल जिनकी पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई वहाँ के हिंदी मीडियम स्कूल में हुई। उसके बाद वह हांसी चले गए और वहाँ से उन्होंने बारहवीं तक की शिक्षा पूरी की। हिमांशु शुरू से हीं पढ़ाई में बहुत अच्छे थे, उन्होंने बारहवीं में अव्वल हुए थे।
पिता के मृत्यु हुई
हिमांशु अपने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए वहाँ उन्होंने हंसराज कॉलेज में कॉमर्स में नामांकन लिया। वहां की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वो लौटे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। वह अकेले पड़ गए थे। पिता के जाने बाद हिमांशु ने हिम्मत नही हारी और अपने परिश्रम से पिता के सपनों को साकार करने में जुट गए। उनके चाचा ने उनके इस समय में उनका साथ दिया।
परेशानियों से घबराएं नही
हिमांशु के अनुसार हर कोई अपने जीवन की समस्याओं से परेशान हैं। किसी के पास छोटी तो किसी के पास बड़ी समस्याएं हैं।परेशानियों से हर मनुष्य घिरा हुआ महसूस कर रहा है, लेकिन आप जब किसी दूसरे की जिंदगी में देखेंगे तो आपको आपकी परेशानियां उन लोगों की परेशानियों से कम महसूस होने लगेंगी। इनसभी चीजों से घबराए नही इनका सामना करे सफलता अपने आप मिलेगी।
आईएएस बने हिमांशु नागपाल
हिमांशु ने ठान लिया कि वह हर हाल में यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अफसर बनेंगे। उन्होंने दिन रात मेहनत की और पहले ही प्रयास में यूपीएससी में 26वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा कर लिया। आज हिमांशु उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा हैं जिनके जीवन में तमाम दुःख और परेशानियां जन्म लेती हैं।
हिमांशु नागपाल की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।