आज हम आपको हज़ारों ज़रूरतमंद लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी एक महिला से मिलवाएंगे। वह दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेकटर हैं और लोगों के बीच लेडी सिंघम के नाम से फेमस हैं। अनेक महिलाओं के लिए वह किसी मसीहा से कम नहीं हैं।
बात हो रही है, दिल्ली पुलिस के जीबी रोड थाने में तैनात सब-इंस्पक्टर किरण सेठी जी की, जिनकी वजह से आज दिल्ली की बदनाम गलियों में रहने वाली औरतों की जिंदगी संवर रही है।
आते ही शुरू किया अपराधियों का सफाया
2019 में किरण सेठी का जीबी रोड के पास वाले थाने में ट्रांसफर हुआ था, तभी से उन्होंने अपराध और अपराधियों का सफाया करना शुरू कर दिया था।
कोरोना काल में जब जीबी रोड के सेक्स वर्कर्स पर विपदाओं का पहाड़ टूटा, तब लेडी सिंघम के नाम से मशहूर सेठी ने उनका हाथ थामा।

आज भी हो रहे महिलाओं के साथ अपराध
महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रही हैं। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर मुश्किल काम को अंजाम तक पहुंचा रही हैं, मगर अफसोस इस बात का है कि महिलाओं के साथ आज भी हमारे समाज में अपराध कम नहीं हो रहे।
आज भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न जैसे अपराधिक मामले सामने आते हैं।

महिलाओं को आना चाहिए आत्मरक्षा करना
यह धारणा बन चुकी है कि महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए पुरुषों पर निर्भर करती हैं।
इसी धारणा को तोड़ने के लिए दिल्ली पुलिस की लेडी सिंघम ने लाखों महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी हैं। वह स्कूल और कॉलेज, घरेलू, नौकरी-पेशा, स्लम एरिया, बुजुर्ग समेत तमाम महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देती हैं।
वह कहती हैं कि आत्मरक्षा करना आना बहुत जरूर है क्योंकि इससे महिलाओं को आत्मबल मिलता है।

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल
किरण सेठी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया जा चुका है। उन्होंने एक साथ 5000 छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी है, जिस कारण बाद उन्होंने यह रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराया है।
इन सबके अलावा सेठी जी सेक्स वर्कर्स के बच्चों की स्कूल फीस भी भर रही हैं। वह कहती हैं कि ये बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए इनका ख्याल रखना बहुत जरूर है।
जब भी सेठी जी की तारीफ की जाती है, तब वह विनम्रता से कहती हैं कि उनके सीनियर्स ने उनका पूरा साथ दिया है, अगर वे ना होते तो यह सब कभी संभव हो पाता। सेठी जी को हमारी टीम के तरफ से दिल से सलाम है।
One thought on “जानिए जीबी रोड थाने में तैनात इस सब-इंस्पेक्टर को लोग क्यों बुलाते हैं लेडी सिंघम और बताते हैं उम्मीद की किरण?”