संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। हर साल लाखों छात्र इसमें भाग लेते हैं। हर साल कुछ ऐसे छात्र जरूर मिलते हैं जिनकी कहानी बाकियों से अलग होती है। अनुदीप दुरीशेट्टी उन्हीं में से एक हैं। अनुदीप ने बिट्स पिलानी से अपनी इंजीनियरिंग की जिसके बाद उन्हे गूगल कंपनी में काम करने का मौका मिला। लेकिन अनुदीप के सपने कुछ और थे।
नौकरी के साथ की पढ़ाई

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी को काफी मुश्किल माना जाता है। कई दिनों के लगातार मेहनत से छात्र खुद को इस परीक्षा के लिए तैयार करते हैं। अनुदीप ने भी अपने सपने को पूरा करने के लिए नौकरी के साथ-साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी करना शुरु कर दिया। इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्हे कई बार असफलता हासिल हुई लेकिन उन्होने हार नहीं मानी।
असफलता के बाद भी नहीं हिला आत्मविश्वास
तेलंगाना निवासी अनुदीप ने जब पहली बार परीक्षा दिया तो वो असफल रहें। असफलता से सीखते हुए उन्होने वापस से तैयारी शुरु की और दूसरे प्रयास में 790 रैंक प्राप्त की। इस परीक्षा को निकालना ही मुश्किल होता है। ऐसे में काफी छात्र जो पद मिलता है उसमें संतुष्ट होकर सेवा प्रदान करते हैं। अनुदीप अपने रैंक से खुश नहीं थे। इसलिए उन्होने वापस से इसकी तैयारी शुरु दी। इसके लिए उन्होने लगातार अपना प्रयास जारी रखा। लेकिन 2014 और 2015 के परीक्षा में भी उन्हे असफलता हासिल हुई। लेकिन अनुदीप ने अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोया, और 2017 में एक बार फिर प्रयास किया। इस बार उन्होने पहला रैंक हासिल किया और आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया।