कृषि क्षेत्र में खेती-बाड़ी में मशीनीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फसल उत्पादन में उपयोग में लाई जा रही कार्यप्रणाली की दक्षता और प्रभाव में सुधार लाने में योगदान देता है जिससे फसलों की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। यह विभिन्न कृषि कार्यों से जुड़े कठोर परिश्रम को भी कम करता है। यंत्रीकरण के प्रयोग से उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी होती है। इससे कम समय में खेती अधिक कार्यकुशलता के साथ किए जा सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही एक रिटायर्ड शिक्षक व किसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने ‘कृषक साथी’ नाम से एक कृषि यंत्र बनाया है, जो अकेला ही 10 यंत्रों का काम कर सकता है।आइये जानते है इसके बारे में।
गुरुचरण प्रधान का परिचय।

गुरुचरण प्रधान ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में तलिता गाँव के रहने वाले है । वह 74 वर्ष के है। वह किसानों के मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते है। वह अपने इलाके में बहुत लोकप्रिय है। उन्होंने किसानों के लिए एक ऐसा यंत्र बनाया है जो किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कृषक साथी नाम से एक कृषि यंत्र बनाया है, जिससे किसानों को कृषि और पशुपालन से जुड़े कार्यों को करने में मदद मिलती है।
पिता भी थे किसान।
गुरुचरण प्रधान के पिता भी एक किसान थे। वह अकसर अपने पिता की मदद किया करते थे। वह खेतों में भी अपने पिता की मदद करते थे । अपने पिता को मेहनत करते देख वह सोचते थे कि उनके पिता को खेती से लेकर पशुपालन तक विभिन्न प्रकार के मशीन का उपयोग करना पड़ता है। उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ऐसी मशीन बनाई जाए जिससे सभी काम एक साथ हो जाए। उन्होंने यही सोचकर मशीन बनाने की योजना बनाई ।
बेहतरीन मशीन बनाई।

साल 2000 से उन्होंने मशीन बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने शिक्षक के रूप में 37 साल तक काम किया और शिक्षा जगत से जुड़े रहे। उन्होंने जब मशीन बनाना शुरू किया तभी भी वह पढ़ाते ही थे। लगातार मेहनत करने के बाद लगभग छह-सात सालों के बाद मशीन का पहला मॉडल तैयार हुआ।
रिटायर्ड होने के बाद सफल हुआ काम।
रिटायर होने के बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान खेती करने और मशीन बनाने में लगाया। सबसे पहले, उन्होंने सिर्फ पशुओं के लिए चारा काटने और धान गाहने के लिए मशीन बनाई। फिर उन्होंने धीरे-धीरे इस मशीन में काफी बदलाव किए और एक-एक करके इसमें कई चीजें जोड़ी । इस मशीन से लगभग 10 मजदूरों का काम किया जा सकता था । उन्होंने इस मशीन को ‘कृषक साथी मशीन’ का नाम दिया ।
निम्नलिखित कार्यो में इसका उपयोग।

इस मशीन से पशुओं के लिए चारा काटा जा सकता है।पशुओं के लिए एक घंटे में लगभग 30-40 किलो चारा काटा जा सकता है। एक घंटे में लगभग 60 किलो धान की थ्रेसिंग भी इस मशीन से हो सकती है।
आप इससे मूंगफली की थ्रेसिंग भी कर सकते हैं और मक्का के दाने भी निकाल सकते हैं।
किए गए है सम्मानित।
इस मशीन के लिए गुरुचरण को कई जगहों से सम्मान मिला है। ‘वाइब्रेंट गुजरात 2013’ में, गुजरात के मुख्यमंत्री ने उन्हें मशीन के लिए 51 हजार रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया था। इसके अलावा, उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण विकास (NIRD) संस्थान, हैदराबाद और कृषि विभाग, ओडिशा द्वारा भी सम्मानित किया गया है।