कहते हैं जहां चाह होती है, वहां राह भी होती है। अगर आप कुछ मन से करना चाहें, तो आपके पास बहुत से विकल्प हैं। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे, जो खेती के साथ-साथ सहायक धंधों से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बठिंडा साहिल गर्ग ज़िले के मेहराज गांव के रहने वाले राजवीर सिंह (Rajveer Singh) 40 साल की उम्र में अपना फार्म हाउस बनवा कर अपने सपने को पूरा किया। इन धंधों से राजवीर हर साल 45 लाख तक की कमाई कर रहे हैं।
राजवीर के फार्म हाउस पर आप प्रकृति सौंदर्य देख सकते हैं
मेहराज गांव में राजवीर द्वारा 4 एकड़ में बनाए गए फार्म हाउस के चारों ओर 2 हज़ार से ज़्यादा अलग-अलग प्रकार के पेड़-पौधों लगाए गए हैं। राजवीर ने कुछ ऐसे दुर्लभ प्रजाति के लुप्त हो रहे सैकड़ों चिड़िया, घुग्गी व मोर भी अपने फार्म हाउस में रखे हैं। इसके अलावा वह अपने फार्म हाउस में घोड़े व कुत्ते भी रखते हैं। राजवीर के अपने फार्म हाउस पर सभी फलों के पेड़ हैं तथा वह अपने खेतो में आर्गेनिक सब्जी व अनाज पैदा करते हैं।

राजवीर 18 साल की उम्र से कर रहे हैं मछली पालन का काम
राजवीर की मां के बीमार रहने की वजह से वह मैट्रिक के आगे पढ़ाई नहीं कर सके और उन्हें पढ़ाई छोड़ना पड़ी। राजवीर मात्र 18 साल की उम्र से ही मछली पालन का काम करते हैं। मत्स्य पालन का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने घर की 10 एकड़ बंजर ज़मीन को ही अच्छी तरह से साफ किया और 4 एकड़ में फिश फार्म हाउस बनाया। शुरुआत में राजवीर 30-35 लेबर मछली पालन तथा मंडीकरण के काम के लिए रखते थे।
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राजवीर का बिजनेस
राजवीर अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए अगले साल से पंचायती छप्पड़ वाली नहरी पानी वाले ज़मीनें ठेके पर लेकर वहां भी मछली पालन का काम करेंगे। अभी राजवीर के पास लगभग 30 गांवों की पंचायती ज़मीन है, जिसमें मछली पालन के लिए तालाब हैं। साथ ही राजवीर ने राजस्थान के सूरतगढ़ में भी पिछले 10 साल से 150 एकड़ ज़मीन लीज पर लेकर उसमें मछली पालन का काम कर रहे हैं। राजवीर 200 एकड़ पंचायती ज़मीन में बनाए पौंड में मछली पालन का काम करते हैं, जिसमें एक एकड़ में लगभग 15 क्विंटल तक मछली पैदा होती है, जो बहुत ही अच्छी दाम में बिकती भी है और राजवीर को अच्छा मुनाफा होता है।

राजवीर अब अन्य राज्य में भी करते हैं सप्लाई
राजवीर बताते हैं कि मछली की बिक्री पंजाब में ज़्यादा नहीं होती परंतु इससे राजवीर को ज़्यादा परेशानी नहीं होती क्योंकि इसमें मंडीकरण की कोई समस्या नहीं होती। अब राजवीर पटियाला, चंडीगढ़, श्रीनगर, दिल्ली तक के व्यापारियों को माल सप्लाई करते हैं। इसके अलावा व्यापारी भी उनके फार्म हाउस से मछली लेने आते हैैं। इससे उन्हें अच्छा दाम मिल जाता है।

राजवीर को इस कार्य में होने वाली समस्या
राजवीर कहते हैं कि मछली पालन व्यवसाय पूरी तरह से पानी पर निर्भर है, इसमें ज़्यादा समस्या नहरी पानी की है। ज़रूरत की तुलना में नहरी पानी बहुत कम मिलता है, जबकि ट्यूबवैल कनेक्शन भी कमर्शियल रेट पर लगता है। हर महीने में 25 से 30 हज़ार रुपये तक का बिल आता हैं। राजवीर बताते हैं कि ऐसे में मछली पालन का कारोबार शुरू करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अगर बहुत ज़्यादा बरसात होती हैं, तो एक पौंड में लगभग 5 से 6 लाख रुपये का नुकसान भी हो जाता है।
हम राजवीर सिंह को उनके कामयाबी के बधाई देते हैं।
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