आजकल ट्रैवलिंग को लेकर लोगों में क्रेज काफी बढ़ा है। काम के लगातार प्रेशर से खुद को निकालने के लिए ट्रैवलिंग एक बहुत अच्छा विकल्प होता है। घूमने से मानसिक शांति का सुकून मिलता है। एक अध्ययन के अनुसार 35 से 50 वर्ष के लोगों को कम से कम दो बार 3-4 दिन के लिए घूमने जरुर जाना चाहिए। इससे शारीरिक और मानसिक रुप से फायदा मिलता है। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के माइंड बॉडी सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक हरी- भरी वादियों, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों में घूमने जाने से तनाव दूर होता है।
आज हम आपके लिए ऐसे ही एक ट्रैवलिंग प्लान लेकर आएं है जिससे अगर आप बर्फीले पहाड़ों में सैर की प्लानिंग कर रहे हैं तो मदद मिलेगी। वैसे तो उत्तराखंड भारत का सबसे सुंदर प्रदेशों में एक है। दिसंबर के वक्त बर्म की चादर में लिपटने के बाद इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाती है। वैसे तो यहां घूमने की जगह के लिए लोग अलग-अलग प्लान बनाते हैं लेकिन प्लानिंग अगर सही तरीके से हो पिर एक साथ सभी जगह को एक्सप्लोर किया जा सकता है। चलिए आपको पहाड़ों को एक्सप्लोर करने का रोड मैप बताते हैं।
एक साथ इन जगहों को करें एक्सप्लोर

उत्तराखंड में आप पंगोट-मुक्तश्वर-कसार-देवी-कसौनी-ग्वालदम-पिथौरागढ़-लोहाघाट-नानकमत्ता जा सकते हैं। ये ट्रिप लगभग 550 किलोमीटर की होगी। अगर आप दिल्ली से उत्तराखंड की यात्रा को जोड़ते हैं तो आपको लगभग 1100 किलोमीटर ट्रैवल करना होगा। इस सफर के दौरान आप पहाड़ी रास्तों, गांवों, खूबसूरत झरनों को देखते हुए गुजरेंगे।
पंगोट

पंगोट नैनीताल में है और आप अपने पहले दिन के ट्रिप की शरुआत यहां से कर सकते हैं। इस इलाके में आपको कम बीड़ दिखेगी जिससे आपको एक अलग शांति का एहसास होगा। पंगोट चीड़ और रोडोडेंड्रोन के पेड़ों के घने जंगलों से घिरा हुआ है। बता दें पंगोट के इस जंगल में 300 से ज्यादा पक्षियों के प्रजातियां मौजूद हैं। इस जगह को एक्सप्लोर करने के बाद आपकों सुकून की अलग परिभाषा मिलेगी।
मुक्तेश्वर

मुक्तेश्वर से हिल स्टेशन की शुरुआत होती है। यहां से आप पंचाचूलू रेंच, जंगल और पहाड़ों के सुंदर दृश्य का लुत्फ उठा सकेंगे। मुक्तेश्वर में चैली की जाली काफी मशहूर है और इसे देकने जा सकते हैं, इसे सुसाइड प्वाइंट भी कहते हैं। अगर आप सबसे खूबसूरत सनराइज और सनसेट की चाह रखते हैं तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है। जिन लोगों को डेयरिंग चीजे करने का शौक होता है वो यहां रॉक क्लाइंबिंग भी कर सकते हैं।
कसार देवी

अपने ट्रिप के तीसरे दिन आप कसार देवी मंदिर घूम सकते हैं। ये मंदिर पर्यटकों के बीच कापी पॉपुलर है। अल्मोड़ा शहर के पास ये कस्बा कसार देवी मंदिर को लेकर फेमस है। इस मंदिर में बैठकर ध्यान करने से एक अलग एनर्जी महसूस होती है, जो आपको कहीं और नहीं मिलने वाला है।
कौसानी

कौसानी को स्विट्जलैंड ऑफ इंडिया भी कहते हैं। यहां के सुंदर नजारे और पहाड़ों की खूबसूरती इस जगह को मनमोहक बनाते हैं। उत्तराखंड की असली खूबसूरती कौसानी में में देखने को मिलती है। इस शहर में हिमालय की त्रिशूल, नंदा देवी और पंचाचुली जैसी चोटियों के सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं।
ग्वालदम

ग्वालदम को हिमाचल का छिपा हुआ खजाना माना जाता है। यहां आपको चारों तरफ सेब के बागान देकने मिलेंगे। उत्तराखंड का ये हिल स्टेशन चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है और यहां आपको स्वर्ग का एहसास होगा। बाजीनाथ मंदिर यहां की फेमस जगह है। ऐसी कहावत है कि इस मंदिर को रात में बनाया गया था। रात में बनने वाले इस मंदिर के आर्किटेक्चर आपका मन मोह लेगी। इसके साथ ही आप यहां अंगोरा फार्म, मच्ची ताल और बादनगढ़ी मंदिर एक्सप्लोर कर सकते हैं।
पिथौरागढ़

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ को छोटा कश्मीर भी कहा जाता है। यहां पर आप किला और कपिलेश्वर मंदिर घूमने जा सकते हैं। बता दें पिथौरागढ़ झूलाघाट के काफी नजदीक है जो भारत-नेपाल बार्डर पर है। आप इस जगह से नेपाल के हिमालय की खूबसूरती का भी आनन्द उठा सकते हैं। यहां पर एक लोकप्रिय गुफा मंदिर भी है जिसे पाताल भुवनेश्वर मंदिर कहा जाता है।
लोहाघाट

हिमाचल से लौटते वक्त आप लोहाघाट में भी कुछ वक्त बिता सकते हैं। ये सहर एबट माउंट का घर है। जिसे देश की सबसे डरावनी जगह के लिए जाना जाता है। ऐसी कहानी प्रचलित है कि लोहाघाट का मुक्ति कोठरी कभी एक अस्पताल हुआ करता था जहां लोग अपना इलाज कराने आता है। कहा जाता है कि आज उनकी आत्माएं इस जगह पर रहती हैं।
नानकमत्ता

अपने ट्रिप का आखिरी पड़ाव सिखों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल नानकमत्ता है। पौरानिक कहानियों के मुताबिक सिखों के पहले गुरु, गुरुनानक देव इस जगह पर ध्यान करने के लिए आए थे। यहां के गुरुद्वारे में एक झील है। इसके साथ ही इस स्थल में एक फेमस सागर डैम भी है।
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