आजकल लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। और इसी वजह से अपनी सेहत का खास ख्याल रखते हैं।इस हेल्दी डाइट में लोगों के ड्राई-फ्रूट्स में अब चीया सीड्स भी शामिल हो गए हैं। दुनिया में इसकी काफी मांग है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताएंगे जो 52 की उम्र में चीया सीड्स उगाकर तीन गुना मुनाफा कमा रही हैं। आइये जानते है उनके बारे में।
प्रेमा का परिचय
प्रेमा एक आदिवासी महिला हैं। वह कर्नाटक की रहने वाली हैं। वर्तमान में प्रेमा अपने 52 की उम्र में नए तकनीक के जरिए चीया सीड्स उगाकर तीन गुना मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने दूसरे फसलों के तरफ रुख न करके चिया सीड्स को ही चुना और आज वह इससे अच्छे रुपये कमा रही हैं। पहले प्रेमा की आर्थिक स्थिति सही नही थी। वह अपने आजीविका के लिए जंगलों पर ही निर्भर थीं। लेकिन जब साल 2007 में राज्य सरकार ने उन्हें नागरहोल जंगल से सोलेपुरा रिज़र्व फॉरेस्ट में बसाया, तब उनके लिए काफी कुछ बदल गया।
कृषि की ट्रेनिंग लिया प्रेमा ने
सरकार के द्वारा नए जगह पर बसने के बाद प्रेमा ने खेती के तरफ अपना रुख किया। इसके लिए उन्होंने जेएसएस कृषि विज्ञान केंद्र और जैविक कृषि केंद्र से ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने अपने खेतों में तरह-तरह के फसल उगाए। फसल उगाने में काफी मेहनत के बावजूद भी प्रेमा को कुछ लाभ हासिल नही हो पाया। रागी, शरीफा, कपास, मक्का की खेती में उन्हें काफी नुकसान हुआ। खेतों में जानवरों का भी आतंक काफी था। जिससे उन्हें काफी घाटा हुआ।
प्रेमा ने चिया की खेती शुरू की

व्यावसायिक फसलों में नुकसान के बाद प्रेमा ने चिया की खेती के करने का मन बनाया। वर्तमान में प्रेमा चिया की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। विदेशों में भी चिया की खूब मांग है। उन्होंने अपने एक ट्रेनिंग के दौरान ही चिया के खेती के बारे में जाना था। तभी से उनके मन में चिया के फसल उगाने की योजना थी। उन्होंने चिया की खेती से जुड़े एक वीडियो को देखा था जिससे वह काफी प्रभावित हुई थीं।
शहरी बाजार में चिया की मांग
ग्रामीण जगहों से ज्यादा चिया की मांग शहरों में खूब है। प्रेमा कहती हैं कि व्यावसायिक खेती में जहाँ हजारों में कमाई होती है वहीं चिया की खेती से लाखों में। चिया को वह शहरी बाजार में 280 रुपये प्रति किलो बेचती हैं। वह अपने द्वारा उपजाए गए फसलों को सीधा रिटेलर तक पहुँचाती हैं। इस प्रक्रिया में वह किसी बिचौलियों से संपर्क नही करती हैं। इसमें उनका खर्चा भी कम होता है।
दूसरे किसानों को भी जोड़ा

प्रेमा इस फसल के बारे में दूसरे किसानों को भी बताती हैं। उनके सलाह पर 30 किसानों ने चिया की खेती को अपनाया। जिसमें से कुछ किसानों को सफलता भी मिली। प्रेमा के अनुसार चिया कम खर्च में ज्यादा उपज होने वाली फसल है। इसमें लागत कम और मुनाफा अधिक होता है। किसानों को दूसरे व्यावसायिक फसलों के साथ-साथ चिया को भी उगाना चाहिए। इससे उन्हें मुनाफा अधिक होगा।
चिया को उगाना है आसान
प्रेमा के अनुसार चिया के फसल को उगाना बेहद आसान है। इस फसल के लिए ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नही होती है। इस फसल को खेतों में लगाने का सही समय सितंबर-अक्टूबर में है। यह फसल कम उपजाऊ मिट्टी में भी आसानी से उग जाता है। चिया के पौधों में फूल के लगने में 40 दिनों का वक्त लगता है। अब चिया के खेती से प्रेमा अपने परिवार का भी अच्छे से ख्याल रख पा रही हैं। प्रेमा दूसरे किसानों को भी इसकी खेती करने की सलाह देती हैं। कुछ किसान इस सलाह को मानकर आज लाखों में कमा रहे हैं।
प्रेमा आज दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। आज उनसे कई किसान सिख लेते हुए अपने जीवन को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।