दुनिया में काम की कोई कमी नहीं है बशर्ते हम किसी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझें। किसी भी काम को अगर पूरी ईमानदारी और मेहनत से किया जाए तो हमें सफ़ल होने से कोई नहीं रोक सकता। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे जो गाय के दूध के जगह उसका गोबर बेचकर हर महीने लाखों की कमाई कर रहा है।
सुरजीत सिंह (Surjeet Singh)
सुरजीत रायपुर (Raipur) के छत्तीसगढ के निवासी हैं। एक ओर जहां लोगो के लिए दूध बेचकर गुजारा करना मुश्किल हैं, वहीं दूसरी ओर सुरजीत गोबर बेचकर हर महीने लाखों कमा रहे हैं। पिछले साल छत्तीसगढ़ के सरकार ने जो गोधन न्याय योजना शुरू किया था उसके तहत राज्य सरकार गौठानों से गोबर खरीदती है। इसके लिए सरकार प्रति किलो गोबर के लिए 2 रुपये का भुगतान करती है।

सरकार की इस योजना ने सुरजीत की किस्मत बदल दी
सुरजीत कहते हैं कि सरकार की इस योजना ने मेरी किस्मत ही बदल दी। सुरजीत हर रोज़ 2 टन (2 हजार किलो) गोबर सरकार को बेच रहे हैं। इस तरह उनकी रोज की कमाई 4 हजार रुपये की हैं और हर महीने करीब 1.20 लाख रुपये कमा रहे हैं। सुरजीत बताते हैं कि पहले जब गाय दूध नहीं देती थी तो इन गायों से उन्हें दिक्कत होने लगी थी। मगर अब वे गाय भी उनकी कमाई का जरिया बन गई हैं।
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सुरजीत कर रहे हैं दुगुनी कमाई
सुरजीत ना सिर्फ़ गोबर से बल्कि दूध से भी अच्छी कमाई कर रहे हैं। वह बताते हैं कि इससे उनकी इनकम दुगुनी हो गई है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन (सीजीपीडीएफए) के सह-सचिव बताते हैं कि गोधन न्याय योजना से बहुत से गौपालकों को फायदा मिला है। अब इस योजना की मांग पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) में भी हो रही। वहाँ के पशुपालक भी चाहते हैं कि राज्य सरकार उनसे गोबर खरीदें।

गौपालन और दूध उत्पादन के तरफ युवाओ का रुझान
सरकार अपनी योजना के तहत गौठानों से गोबर खरीद रही हैं, परंतु जिन क्षेत्रों में गौठान नहीं है, वहाँ यह मांग की जा रही कि सरकार सीधे गौपालकों से गोबर खरीदे। सुरजीत बताते हैं कि गौपालन और दूध की मांग बढ़ने से युवा इस काम के तरफ ज्यादा रुचि ले रहें हैं। एक अनुमान के अनुसार अगर छत्तीसगढ़ में भी बेहतर चारा और अन्य अच्छी सुविधाएं मिले तो इस क्षेत्र में वह पंजाब को काफी पीछे छोड़ सकता है।

सरकार उन गोबरो से वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पाद तैयार करती है
आप सोच रहे होंगे कि आखिर सरकार गोबर खरीद कर उसका करती क्या है। गोधन न्याय योजना के तहत सरकार पशुपालकों से गौठान समितियों के जरिए गाय और भैंसों का गोबर खरीदती है। इससे सरकार वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पाद तैयार करती है। इसके साथ ही वह जैविक खेती को बढ़ावा भी देती है। सरकार के इस योजना के जरिए ग्रामीण और शहरी इलाकों के पशुपालकों की इनकम में बढोतरी हो रही है। इसके अलावा गौपालन को बढ़ावा भी मिल रहा है।
One thought on “केवल दूध ही नही गोबर को भी इन्होंने बना दिया कमाई का ज़रिया, एक सरकारी नौकरी से भी अच्छा कमाई कर रहे हैं”