किसी रास्ते से गुजरते वक्त सांस रोक लेना या नाक पर रूमाल लगा लेना, इस बात का प्रमाण है कि हमने वहां की खाली पड़ी जमीन को अपना कूडादान बना लिया है। मुंबई की ऐसी हीं कूड़े कचरे वाली ज़मीन बीएमसी की कोशिशों से एक खूबसूरत पार्क में तब्दील हो गई है।
अक्सर लोग खाली पड़ी जमीन को कब्जा करने की कोशिश करते हैं या उसे कूडा डंप करने में इस्तेमाल करते हैं। इससे अच्छी-खासी जमीन भी गन्दगी की शिकार हो जाती है और सभी ओर कूड़ा-करकट ही नज़र आता है। यहां तक की वहां का वातावरण भी काफी दूषित हो जाता है।
मुंबई में भी एक ऐसी ही खाली पड़ी जमीन कूड़े कचरे का केंद्र बन गई थी, लोग उसे घर की गंदगी फेंकने के लिये इस्तेमाल करते थे। अब उसी भूमि की दशा और दिशा दोनों ही बदल गई है। यह संभव हुआ है BMC के कोशिशो की वजह से। एक समय ऐसा था, उस रास्ते से गुजरते वक्त लोग अपनी सांस रोक लेते थे लेकिन अब वहीं लोग फ्रेश हवा लेने के लिये जाते हैं।

कूड़ा घर तब्दील हुआ एक खुबसूरत बगीचे में
BMC ने उस जमीन को जो लगभग 2.75 लाख वर्ग फीट मे फैला हुआ है, अपने प्रयासों से एक बहुत ही सुन्दर बगीचे में परिवर्तित कर दिया है। इस बगीचे का मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर नामकरण किया गया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार BMC ने 2.75 लाख वर्ग फीट में फैले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पार्क में 4 हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं। औषधीय पौधे सहित 37 किस्म के पेड़ पौधे लगाये गये हैं। यहां शौचालय की व्यव्स्था भी की गई है।
कूडा घर को पार्क में परिवर्तित करने के लिये BMC को मारवे रोड पर स्थित 500 से अधिक झोपडों को हटाना पड़ा है। BMC ऑफिसर्स के मुताबिक, वर्ष 2002 में नागरिक निकाय ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया था, और तब से यह बेकार पड़ा हुआ था।
एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2014 में लगभग 550 झुग्गी झोपड़ियों को हटाकर पैदल चलने वालों के लिये 2 किमी लम्बा मिट्टी के रास्ते का निर्माण किया गया था।
यह पार्क वर्ष 2017 में खुल गया था परंतु पूरी तरीके से विकसीत पेड़ों के साथ इसे अब चालू किया गया है। यह पार्क वनस्पति विज्ञान, तितली, पक्षी देखने के शौकीन लोगों के लिये यह अधिक मशहूर हो गया है।
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